अब अगले दस मिनट तक वो ऐसे ही पकड़े रही, लेकिन अब उसके हाथ की गरमी से मेरा 8 इंच का लंड पूरा का पूरा तन चुका था और मुझसे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं हो रहा था.. फिर में सीधा सो गया, लेकिन अभी भी वो मेरे लंड को पकड़े हुई थी.. फिर मैंने हिम्मत करके अपने हाथ से उसके हाथ को पकड़कर हिलाने लगा.. दोस्तों अब मेरी बहन मेरा लंड हिला रही थी और फिर कुछ देर बाद में उसके हाथ पर झड़ गया और मेरा वीर्य बहुत सारा उसके हाथ में आ गया.. फिर मैंने उसका हाथ अपनी अंडरवियर से साफ किया और उसके हाथ को तकिए पर रख दिया.. अगले दिन सुबह वो उठी और उसने मुझे उठाया और मुझसे कहा कि भैया उठो, आज अब्बू स्कूल नहीं जा रहे है, तुम मुझे कॉलेज छोड़ दो और में उठ गया, लेकिन मैंने देखा कि आज मेरी बहन का व्यहवार मेरे लिए बहुत अलग था, वो आज बहुत हंस रही थी और उसकी इस हंसी में बहुत मस्ती थी.. फिर में तैयार हो गया और उसको अपनी बाईक पर बैठाकर कॉलेज छोड़ने निकला और कुछ देर बाद मैंने देखा कि आज तक मेरी बहन ने मुझे कंधे पर नहीं पकड़ा था, लेकिन आज उसने मेरे कंधे पर हाथ रखकर वो मेरे कंधे को दबा रही है, जैसे कोई किसी चीज़ को मस्ती में मसलता है वैसे ही वो मेरे कंधे को मसल रही थी.. अब में समझ गया कि वो रात वाली बात उसको पता चल चुकी है और वो उससे बहुत खुश है.. दोस्तों अब मेरी खुशी का तो कोई ठिकाना ही नहीं था.. मैंने सोचा कि आज मुझे इसके कुछ आगे बढ़ना होगा.. फिर दोपहर को वो अपने कॉलेज से आई और उस समय में भी घर में ही था और वो मुझसे छेड़छाड़ करने लगी और में भी उससे मस्ती करने लगा और मैंने मस्ती मस्ती में उसकी गांड पर मारा तो मैंने महसूस किया कि उसकी गांड बहुत ही नरम नरम थी, लेकिन वो मुझसे कुछ नहीं बोली और इतने में अम्मी आ गई और हमने अपनी मस्ती को वहीं पर बंद कर दिया..
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